
दारुल उलूम मोईनुल इस्लाम शेखनगर पीपाड़
*परिचय*
दारुल उलूम अहले सुन्नत मोईनुल इस्लाम (इदारा,संस्था) पिछले कुछ दशकों से धर्म और समाज की सेवा में लगा हुआ हैं, और अब तक दर्जनों क़ारी और हुफ़्फ़ाज़ क़ौम को दे चुका हैं | इदारा का पाठ्यक्रम में भारत के महत्वपूर्ण पाठशालाओं से चुना गया है, शिक्षा व्यवस्था में आधुनिक शैली को ध्यान में रखा गया है, संस्था के छात्रों का जीवन स्तर आधुनिक परिस्थितियों के अनुरूप है |
*मूल लक्ष्य*
दारुल उलूम अहले सुन्नत मोईनुल इस्लाम का पहले दिन से ही विशेष लक्ष्य रहा है कि छोटे बच्चों को शिक्षित करने के साथ-साथ प्रशिक्षित,चरित्र, शिष्टाचार व इस्लामी क़ानून का पालन करवाना और सही अकाइद से संवारना है । ताकि यहाँ का विधार्थी विश्व के किसी भी कोने में अपनी शिक्षा के साथ-साथ चरित्र से भी इस्लाम का संदेश दे, आखिरत में भी सफलता प्राप्त कर सके | और बच्चों को आधुनिक शिक्षा से इस तरह शिक्षित करना कि वह आधुनिकी संस्थान के विध्यार्थियों से पीछे न रहें यानि दीनी और दुन्यावी शिक्षा से संवारना,ताकि आधुनिकी और दीनी लोगों के बीच की खाली जगह को पूर्ण कर सकें |
*वर्तमान व्यवस्थाएं*
•वर्तमान में संस्थान छः (सादिसा) क्लास तक दीनी शिक्षा प्रदान करती है, जिसमे पाठ्य पुस्तकों के साथ-साथ लेखन और भाषण पर विशेष ध्यान दिया जाता है । इसमे अध्यापकों का चयन टेस्ट के पश्चात ही होता है
• हिफ़्ज़ क्लास की शिक्षा बेहतर तरीक़े से होती है, इसके लिए प्रशिक्षित अध्यपकों की व्यवस्था की गई है |
• आधुनिक शिक्षा का स्तर दसवीं कक्षा तक है जिसमें धर्मशास्त्र और उर्दू पर भी ज़ोर दिया जाता है |
• छात्रों को उनकी आवश्यकता के अनुसार पुस्तकें उपलब्ध कराने के लिए संस्थान में एक विशेष पुस्तकालय की व्यवस्था की गई है ।
• छात्रों को उनके कपड़े धोकर दिये जाते हैं और अच्छा खाना बनाने के लिए कुकमेन की व्यवस्था की गई है ताकि छात्र अन्य काम-काज से फ्री होकर सिर्फ़ शिक्षा पर ध्यान दे सकें ।
• गर्मी और सर्दी में छात्रों के लिए नियमित सुविधाएं उपलब्ध हैं जैसे गिजर, वाटर-कूलर रहने के लिए बेहतरीन कमरे जिनमें पंखा, कूलर की सुविधा उपलब्ध है
*शाखें*
संस्था के अंतर्गत कुल 5 शाखें हैं, जिनमें शिक्षकों की संख्या 7 हैं, जिनका वेतन संस्था उठाती है, जिनमें में संस्था के अनुसार शिक्षा व्यवस्था स्थापित है । इनमें क़रीब 400 छात्र-छात्राएँ शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं |
*सोशल मीडिया विभाग*
समय की स्थिति को ध्यान में रखते हुए, संस्था की देखरेख में मोइनी मीडिया नामक एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की स्थापना की गई है ताकि जनता इस युग में बद मज़हबों के बजाय सुन्नी हनफ़ी विद्वानों से लाभ उठा सकें। यह विभाग अपने लक्ष्यों में पूरी तरह से सफल हैं हर प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर इसके खाते उपलब्ध हैं इसलिए आप भी इस प्लेटफार्म का अधिकतम लाभ उठाएँ।
*भविष्य की योजनाएं*
अरबी में कम से कम आठ (फजिलत) क्लासे (पूरा आलीम कोर्स)
12 वीं तक आधुनिक शिक्षा तीनों वर्ग में
आधुनिक अध्ययन करने वाले क्षेत्रीय छात्रों के लिए दीनी अध्ययन के साथ चरित्र पाठ्यक्रम की स्थापना
एक बड़े पैमाने पर दीनी व आधुनिक पुस्तकालय की स्थापना
एक कम्प्युटर हाल का निर्माण
एक नए छात्रावास का निर्माण
• भारत के मशहूर दीनी व दुनियावी यूनिवर्सिटी में इदारे का रजिस्ट्रेशन कराना